पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार (PCOD Meaning in Hindi)

PCOD Meaning in Hindi पीसीओडी का कारण, लक्षण और उपचार

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पीसीओडी क्या होता है (PCOD Meaning in Hindi)

पीसीओडी यानी पॉलीटिक ओवरी डिजीज  polycystic ovary disease.की समस्या आम तौर पर महिलाओं के अंदर हार्मोनल असंतुलन होने के करण होती है। जिसके करण महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। और ओवरी प्रति शीश बनने लगते हैं।

महिलाओं में होने वाली पीसीओडी PCOD यानी पॉलीसिस्टिक अंडाशय डिजीज आम समस्या बन गई है, इस बीमारी में हॉर्मोन्स के करण ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट या  गांठ हो जाति है। इन सिस्ट के करण महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं क्योंकि यह शिष्ट पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों पर प्रभाव डालती है।

इसको हम आम भाषा में कहे तो हार्मोनल असंतुलन होने के कारण पीसीओडी की समस्या होती है ,जिसे महिलाएं को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जिन महिलाओं को पीसीओडी होती है उनमें बहुत अधिक पुरुष हार्मोन की मात्रा सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती है जिसके कारण से अधिक में समस्या पैदा होने लगती है और साथ ही अनिमियात पीरियड्स की समस्या भी हो सकती है।

पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of PCOD in Hindi)

पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of PCOD in Hindi)

पीसीओडी  से जुड़े लक्षण अक्सर महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं।यह अनुमान लगाया गया है कि पीसीओडी की समस्या से पीड़ित लगभग 34% महिलाएं  डिप्रेशन  से भी पीड़ित हैं और 45% चिंता से पीड़ित हैं। 

पीसीओडी समस्या को रोकने के लिए लक्षणों का जल्द निदान और प्रबंधन करना आवश्यक  होना जरूरी है।

1. अनियमित पीरियड्स होना या बिल्कुल भी पीरियड्स नहीं होना (Irregular periods or no periods at all)

2. भार बढ़ना (Weight gain)

3. अत्यधिक बालों का बढ़ना- आमतौर पर चेहरे, छाती, पीठ पर(excessive hair growth – usually on the face, chest or back)

4. गर्भवती होने में कठिनाई (अनियमित ओव्यूलेशन या ओव्यूलेशन नहीं होने के कारण) (Because of irregular ovulation or no ovulation)

5. बालों का पतला होना और सिर से बालों का झड़ना (Thinning hair and hair loss from the head)

6. तैलीय त्वचा या मुँहासे (Oily skin and acne)

पीसीओडी के कारण (Causes of PCOD in Hindi)

पीसीओडी के कारण (Causes of PCOD in Hindi)

पीसीओडी होने के कई कारण हो सकते हैं।ये एक हार्मोनल विकार(disorders) है। और विभिन कारण इसमें योगदान करते हैं। 

1. अश्वस्थ जीवनशेली (Unhealthy lifestyle)

2. खान पान मैं लापरवाही( Negligence in food)

3. खराब जीवनशैली (Bad lifestyle)

4. कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करना (Doing no physical activites) 

5. पोषण आहार नहीं लेना (Not taking nutrition food)

6. असंतुलित periods( Irregular periods

7. आनुवंशिकी के कारण (Due to genetics)

8. शरीर में अधिक इन्सुलिन होने के कारण (Due to more insulin in body)

पीसीओडी का उपचार (Treatment For PCOD in Hindi)

पीसीओडी का उपचार (Treatment For PCOD in Hindi)

पीसीओडी के सभी मामलों में पॉलीसिटिक ओवरी हो जरूरी नहीं है और न सभी को ओवरिन सिस्ट होते हैं जबकी, पेल्विक अल्ट्रासाउंड एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक्स है, लेकिन एकमात्र नहीं है। पीसीओडी के लिए सबसे पहले इलाज में दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव शामिल है।

डॉक्टर मरिज की लाइफस्टाइल और खान पान पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं मासिक धर्म चक्र को ठीक और ओव्यूलेशन में सुधार करने के लिए डॉक्टर कुव दावेन निर्धारित करते हैं। साथ ही एक्सरसाइज की मदद से वजन कम करने का सुझाव देते हैं।

पीसीओडी के घेरलू उपचार।

1. पीसीओडी के लिए सेब का सिरका (Apple vinegar)

सेब का सिरका ब्लड शुगर को बैलेंस रखता है। जिसकी वजह से इंसुलिन कम बनता है। और साथ ही हार्मोनल इम्बैलेंस भी नहीं होता।

2. भोजन के लिए दालचीनी (cinnamon)

दालचीनी अनियमित पीरियड से जूडी परेशानियों को दूर करने में मदद करती है।

3. भोजन के लिए मेथी (Fenugreek)

मेथीदाना हार्मोन्स को बैलेंस रखने में ऐ कोलेस्ट्रॉल, वेट को कम करने में मदद करता है।

4. भोजन के लिए अलसी (Flax seeds)

अलसी शरीर में एण्ड्रोजन, ब्लड प्रेशर, और कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। और साथ ही साथ दिल की बीमारियों को भी रोकती है।

पीसीओडी से बचाव (Prevention of PCOD in Hindi)

पीसीओडी से बचाव (Prevention of PCOD in Hindi)

ज्यादातर महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन सर्व लक्षणों वाली सिस्ट के लिए डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।

उपचार का पहला चरण आमतौर पर जीवन शैली और प्राकृतिक उपचार है। पीसीओडी के उपचार से स्थिति पूरी तरह से गायब नहीं होती है। हालांकि, लक्षणों के साथ मदद की जाति है,जब डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं के साथ जोड़ा जाए।

नीचे पीसीओडी के लिए कुछ बेहतरीन प्राकृतिक उपचार दिए गए हैं।

1. संपूर्ण भोजन का सेवन करना (Eating whole food)

2. आयरन की मात्रा अधिक रखना (high iron intake)

3. कॉफी का सेवन कम करें (cut down on coffee)

4. उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च वसा, उच्च कार्बोहायड्रेट से पेरेज करें(Avoid high cholesterol, high fat, high carbohydrate)

5. नियमित व्यायाम करें (exercise regularly )

6. अपना संतुलन बनाए रखें; वजन कम करें keep your balance; lose weight)

7. शराब और सिगरेट के सेवन से बचे (Avoid consumption of alcohol and cigarettes)

8. मसालेदार चीजो से दूर रहे (stay away from spicy foods)

पीसीओडी की जटिलताएं (Complications of PCOD in Hindi)

पीसीओडी की जटिलताएं (Complications of PCOD in Hindi)

यदि समय पर पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम या PCOD को सही नहीं किया जाये या नियंत्रित न किया जाये तो इसकी वजह से और भी समस्या पैदा हो सकती है| pcod की वजह से बॉडी में और भी जटिलताएं(complications) हो सकती है | पीसीओडी की जटिलताओं में कुछ शामिल हैं:- 

1. गर्भवती न हो पाना (Unable to get pregnant)

2. डायबिटीज होना (Having diabetes )

3. गर्भपात (Abortion )

4. समय से पहले डिलीवरी होना (Early delivery)

5. चिंता या स्ट्रेस होना (Anxiety or stress)

6. मेटाबोलिक सिंड्रोम(Metabolic syndrome) का खतरा होना (Being at risk of metabolic syndrome)

7. लीवर पर सूजन (Liver swelling) 

8. Sleep Apnea 

9. गर्भाशय से असामन्य रक्तस्राव होना (Abnormal uterine bleeding)

Frequently Asked Questions (FAQ’s)

1.  क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

Answer: पीसीओडी मे महिलाओ के शरीर मे एस्ट्रोजन की मात्रा काम हो जाती है और एन्ड्रोजेन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। जिन महिलाओ को यह लगता है की वह pcod होने के बाद वह प्रेग्नन्ट नहीं हो सकती तो वह गलत सोचती है| महिलायें दवाई ओर एक्सर्साइज़ द्वारा अपने हॉर्मोन्स को बैलन्स कर सकती है और आसानी से प्रेग्नन्ट हो सकती है| 

2. PCOD में क्या नहीं खाना चाहिए? 

Answer: महिलाओ को ध्यान रखना होगा की वह सिर्फ वो छीजे खाए जिनमे carbohydrates की मात्रा कम हो, क्यूंकी carbohydrates सुगर लेवल जो बहुत ही जल्दी बढ़ा देता है|महिलाओ को स्टार्च वाली सबजिया कम से कम खानी है, जैसे आलू, सकरगंद, मटर, मक्का आदि | 

3. पीसीओडी में पीरियड कैसे लाए?

Answer: बहुत से नुस्खे है जिससे महिला ऐसा कर सकती है, ज्यादा महिलायें doctors से medicines भी लेती है अपने periods को वापस लाने के लिए|लेकिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है जिससे आप ऐसा कर सकते है, वो है “अजमोद” यानि की अजवाइन, बहुत से experts का कहना है की अजवाइन के सेवन से uterus पर दवाब पड़ता है क्यूंकी इसमे काफी मात्रा मे विटामिन सी होता है| आप इसके साथ साथ अपने रूटीन मे yoga भी सामील कर सकते है जिससे आपको सबसे ज्यादा मदद मिलेगी| 

4. पीरियड पर कितने दिन लेट होना नॉर्मल है?

Answer: सभी महिलाओ में यह menstrual साइकिल की टाइमिंग अलग अलग हो सकती किसी की 24 दिन किसी की 28 दिन और किसी की 35 दिन भी हो सकती है| आम तोर पर तो menstrual cycle 21 से 35 दिन की होती है|अगर आपके periods आपकी timings से डिस्टर्ब हो रहा है या फिर 35 दिन से ज्यादा मे भी नहीं हो रहे, तो यह नॉर्मल नहीं है ओर लेट periods है| लेकिन इसमे भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है|

Dr. Shweta Goswami, MBBS from MAMC, MD in Obstetrics and Gynecology, and Fellowship in IVF & Reproductive Medicine, is a renowned IVF specialist in Delhi with 15 years of experience. She specializes in various fields of reproductive medicine, including IVF, ICSI, donor egg surrogacy, and laparoscopy. Dr. Shweta approaches infertility treatment through technology innovation and a professional clinical approach. Book an Appointment View Details

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