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IVF Pregnancy में पहले ट्राइमेस्टर में ब्लीडिंग क्यों होती है?

IVF Pregnancy

अगर आप IVF से प्रेग्नेंट हैं और पहले ट्रायमेस्टर में हल्की या ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो सबसे पहली भावना होती है—डर।
“क्या सब ठीक है?”, “क्या प्रेगनेंसी सुरक्षित है?”, ऐसे हज़ारों सवाल दिमाग में घूमते हैं।

और ये डर सिर्फ आप नहीं महसूस करतीं—ऐसा 70% IVF प्रेगनेंसी में महिलाओं के साथ होता है।
समझ सकते हैं, आपने इस प्रेगनेंसी के लिए कितना कुछ सहा है—ट्रीटमेंट, दवाइयां, भावनात्मक उतार-चढ़ाव—और अब अचानक ब्लीडिंग!

लेकिन घबराइए नहीं।

आज मेडिकल साइंस के पास इसका भरोसेमंद समाधान है। सही समय पर दवा, अल्ट्रासाउंड और डॉक्टर की गाइडेंस से प्रेगनेंसी बिल्कुल सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ सकती है।

इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि IVF प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग में क्या करें, किसे कॉल करें, कौन सी दवाइयों का ध्यान रखें, और कैसे शांत रहकर सही फैसला लें।

क्या यह सामान्य है?

करीब 70% महिलाओं को आईवीएफ की प्रेगनेंसी में शुरुआती ब्लीडिंग होती है। इसका मतलब यह नहीं कि प्रेगनेंसी खतरे में है। यह एक सामान्य स्थिति है और आज की मेडिकल साइंस में इसका कारगर समाधान उपलब्ध है।

IVF प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग हो तो क्या करें?

1. घबराएं नहीं, शांत रहें:
सबसे पहली बात, पैनिक बिल्कुल न करें। अधिकतर मामलों में यह स्थिति कंट्रोल में लाई जा सकती है।

2. दवाइयां समय पर लें:
आईवीएफ प्रेगनेंसी पूरी तरह से हॉर्मोनल सपोर्ट पर आधारित होती है। चाहे वो ओरल हो, इंजेक्शन या वजाइनल मेडिकेशन, हर दवा का समय पर लेना बहुत जरूरी है।

3. डॉक्टर की बताई फर्स्ट एड अपनाएं:
आपके डॉक्टर ने ब्लीडिंग की स्थिति में क्या करना है, यह पहले ही समझाया होगा। उन्होंने जो टैबलेट और इंजेक्शन बताए हैं, उन्हें तुरंत लें। समय की बहुत अहमियत होती है।

4. अल्ट्रासाउंड कराएं:
ब्लीडिंग होने पर तुरंत अस्पताल जाकर इमरजेंसी अल्ट्रासाउंड करवाएं। इससे यह पता चलेगा कि गर्भ सुरक्षित है या नहीं।

5. मेडिकल साइंस का भरोसा रखें:
अच्छी बात यह है कि 90% से ज्यादा मामलों में सही समय पर इलाज मिलने से ब्लीडिंग रुक जाती है, और प्रेगनेंसी सुरक्षित रूप से आगे बढ़ती है।

आईवीएफ से जुड़ी हर प्रेगनेंसी थोड़ी नाजुक हो सकती है, लेकिन सही जानकारी, सही समय पर कदम और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करके आप अपनी प्रेगनेंसी को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकती हैं।

अगर आप या आपका कोई करीबी इस स्थिति से गुजर रहा है, तो यह जानकारी ज़रूर साझा करें। साथ ही, ज़रूरत पड़ने पर तुरंत अपने फर्टिलिटी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Zeeva Fertility में हमारा मानना है कि हर मां बनने की चाह को पूरा करने का हक़ हर महिला को है। यदि आपकी IVF प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी चिंता या सवाल है, तो हमारा विशेषज्ञ टीम हमेशा मदद के लिए तैयार है। 

FAQs

1. IVF के बाद प्रेग्नेंसी के पहले ट्रायमेस्टर में ब्लीडिंग होना नॉर्मल है क्या?
हाँ, काफी हद तक। बहुत सी महिलाओं को IVF के बाद पहले कुछ हफ्तों में हल्की ब्लीडिंग होती है। जरूरी नहीं कि इसका मतलब कुछ गलत हो रहा है, लेकिन फिर भी डॉक्टर से बात जरूर करें।

2. पहले ट्रायमेस्टर में ब्लीडिंग का मतलब प्रेगनेंसी खतरे में है?
हर बार नहीं। कई बार ये हार्मोन की वजह से होता है या इम्प्लांटेशन के समय। लेकिन हाँ, किसी भी ब्लीडिंग को हल्के में न लें—जितनी जल्दी जांच करवा लें, उतना अच्छा।

3. IVF प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग हो तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?
पैनिक न करें। जो दवाइयाँ डॉक्टर ने पहले से दी हैं (जैसे टैबलेट या इंजेक्शन), वो लें। फिर नज़दीकी क्लिनिक या अस्पताल जाकर अल्ट्रासाउंड करवा लें।

4. क्या इस दौरान दवा लेना सेफ है?
बिल्कुल। IVF प्रेगनेंसी में जो दवाइयाँ दी जाती हैं, वो आपकी बॉडी को सपोर्ट देने के लिए होती हैं। अगर ब्लीडिंग होती है, तो डॉक्टर कुछ और दवाइयाँ दे सकते हैं, जो आपकी प्रेगनेंसी को स्टेबल रखने में मदद करती हैं।

5. IVF के बाद पहले ट्रायमेस्टर में क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए?

  • दवाइयाँ टाइम पर लें
  • ज़्यादा काम या स्ट्रेस न लें
  • भारी सामान उठाने से बचें
  • कोई भी नया लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से बात करें

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