Bulky Uterus Kya Hota Hai in Hindi? (बल्की यूटरस क्या होता है)

Bulky Uterus In Hindi

बच्चेदानी में सूजन एक समस्या है जिसमे महिलाओं की बच्चेदानी का आकर सामान्य आकर से बड़ा हो जाता है|  जिसके  कारण  प्रेग्नेंसी मैं बहुत सी   दिक्कतो का सामना करना पड़ता है। जो की महिलाओं की इनफर्टिलिटी के मामलो को बढ़ाता  है। महिलाओं के गर्भाशय का आकर बंद मुट्ठी के सामान होता है और प्रेगनेंसी के  समय इसका आकार  बढ़ जाता है। 

प्रेगनेंसी  के अलावा सामान्य अवस्था मैं भी कई  बार महिलाओं के गर्भाशय मैं भी सूजन आ जाती है। लकिन सामनाय अवस्थया  मैं  गर्भाशय के आकार  का बढ़ना यह समस्या की बात है।  बच्चेदानी की सूजन को एंडोमेट्रिओसिस(Endometriosis) के साथ जोड़कर देखते है| बच्चेदानी में सूजन के कारन महिलाओ को प्रेगनेंसी में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| यदि इस  समस्या का समय पर इलाज मिल जाता है तो गंभीर इस्तिथि से बचा जा सकता है | 

बच्चेदानी में सूजन के कारण। Bulky Uterus In Hindi 

बच्चेदानी में सूजन के कारण
Causes of Swelling in the uterus

 

1. गर्भावस्था(Pregnancy)

गर्भाशय(Uterus) सामान्य रूप से श्रोणि(pelvis) में फिट बैठता है। जब कोई महिला गर्भवती होती हैं, तो उसका बढ़ता हुआ बच्चा उसके गर्भाशय के सामान्य आकार से डिलीवरी के समय तक बहुत बड़ा कर देता है | डिलीवरी होने तक आपके गर्भाशय का आकार 1,000 गुना बढ़ा देगा।

2. ओवेरियन सिस्ट  (Ovarian Cysts)

ओवेरियन सिस्ट या तो ठोस या द्रव से भरी थैली होती हैं जो अंडाशय की सतह पर या उसके अंदर विकसित होती हैं। अधिकांश डिम्बग्रंथि के सिस्ट स्पर्शोन्मुख होते हैं और समय के साथ अपने आप चले जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, ये संरचनाएं गर्भाशय के विस्तार सहित विभिन्न स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, वे सूजन, पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, पीठ में दर्द और यूरिन पास करने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं।

3. पीसीओएस (PCOS) 

पीसीओएस एक चिकित्सीय स्थिति है जो गर्भाशय को विकसित कर सकती है। हार्मोनल असंतुलन के परिणाम असामान्य मासिक धर्म चक्र और एंडोमेट्रियल अस्तर के बहाव को जन्म दे सकते हैं। एंडोमेट्रियल अस्तर आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान बहाया जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं में, गर्भाशय की परत को नहीं बहाया जाता है, जिससे बढ़े हुए गर्भाशय हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, पीसीओएस प्रसव उम्र की लगभग 10% महिलाओं को प्रभावित करता है।

4. पेरिमेनोपॉज (Perimenopause)

पेरिमेनोपॉज एक महिला के जीवन का वह चरण है जब उसका शरीर रजोनिवृत्ति में परिवर्तित हो रहा होता है। यह संक्रमण कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों तक कहीं भी रह सकता है और इस दौरान एक महिला के हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होगा। इससे कुछ मामलों में गर्भाशय बड़ा हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर केवल अस्थायी होता है। एक बार जब एक महिला रजोनिवृत्ति तक पहुंच जाती है, तो उसके हार्मोन का स्तर स्थिर हो जाएगा और उसका गर्भाशय अपने सामान्य आकार में वापस आ जाना चाहिए। हालाँकि, कुछ मामलों में ऐसा नहीं हो सकता है, और इससे और समस्याएँ हो सकती हैं। यदि आप इसका अनुभव कर रहे हैं, तो आगे के मूल्यांकन के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ को देखने की सलाह दी जाती है।

5. फाइब्रॉएड (Fibroids)

फाइब्रॉएड भी बच्चे दानी में सूजन के मुख्य कारणों में से एक है| फाइब्रॉएड की  समय गर्भाशय में छोटे छोटे टिशू उत्पन्न हो जाते है| 

फाइब्रॉएड छोटे गांठ होते हैं जिनका वजन कई पाउंड तक हो सकता है। वे गर्भाशय की दीवारों के साथ पाए जाते हैं।

फाइब्रॉएड ब्लैडर और रेक्टम पर भी दबाव डालते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है और ब्लैडर पर दबाव पड़ता है। यदि वे बहुत बड़े हो जाते हैं, तो फाइब्रॉएड के कारण गर्भाशय बड़ा हो सकता है।

6. एडिनोमायोसिस  (Adenomyosis)

एडिनोमायोसिस एक नॉन-कैंसर वाली स्थिति है जो फाइब्रॉएड के लक्षणों की नकल करती है। इसके परिणामस्वरूप गर्भाशय की परत सीधे गर्भाशय की मांसपेशियों की दीवार में जुड़ जाती है। मेन्स्ट्रूअल साइकिल के दौरान, मांसपेशियों की कोशिकाओं से खून बहने लगता है, जिससे दर्द और बच्चे दानी में सूजन(bulky uterus) हो जाती है।

बच्चेदानी में  सूजन का इलाज | Bulky Uterus Treatment in Hindi 

 

Bulky Uterus Treatment in Hindi
Bulky Uterus Treatment

 

बच्चेदानी में सूजन का इलाज(Bulky Uterus Treatment in Hindi) कई तरह से किया जाता है| इलाज से पहले डॉक्टर बच्चेदानी में सूजन  के कारणों को समझते है, फिर  उसके आधार पर इलाज शुरू करते है| बच्चेदानी की सूजन का कारण fibroids होने पर डॉक्टर गर्भ निरोधक गोलियां देते है,  जैसे की एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन या आईयूडी का सुझाव देते है, लेकिन अगर समस्या अधिक है तो लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सहारा भी लिया जा सकता है| 

आपको डॉक्टर की सहायता तो लेनी ही चाहिए लेकिन आप खुद से घर में भी इसमें सुधार ला सकते है| तो कुछ इन बातों का विशेष ध्यान रखें, जैसे की:-

  1. अपनी लाइफ स्टाइल को हेल्दी रखे
  2. हेल्दी खाना खाये 
  3. और योग व एक्सरसाइज भी करें 
  4. लिक्विड चीज़ो का सेवन करें 
  5. रोजाना फलो का जूस पियें 

FAQs

प्रशन 1. यदि गर्भाशय भारी हो तो क्या होगा?

(What happens if the uterus is bulky?)

उत्तर 1. एक बड़ा गर्भाशय किसी भी स्वास्थ्य जटिलता को उत्पन्न नहीं करता है, लेकिन इसके कारण होने वाली स्थितियां हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, फाइब्रॉएड से जुड़े दर्द और परेशानी के अलावा, ये गर्भाशय के ट्यूमर फर्टिलिटी को कम कर सकते हैं, और गर्भावस्था और प्रसव संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।

प्रशन 2. क्या भारी गर्भाशय एक गंभीर समस्या है?

(Is bulky uterus a serious problem?)

उत्तर 2. ज्यादातर मामलों में, बढ़े हुए गर्भाशय एक आम स्थिति है और जब तक किसी व्यक्ति में गंभीर लक्षण और दर्द न हो, तब तक उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रशन 3. मैं अपने भारी गर्भाशय को प्राकृतिक रूप से कैसे कम कर सकता हूँ?

(How can I reduce my bulky uterus naturally?)

उत्तर 3. तो कुछ इन बातों का विशेष ध्यान रखें, जैसे की:-

  • ज्यादा नमक से बचें 
  • हर रोज़ एक्सरसाइज करें
  • वजन कम करें, खासकर कमर के आसपास
  • हेअल्थी खाना खाएं 
  • शराब से बचें या सीमित करें

प्रशन 4. गर्भाशय के लिए कौन सी एक्सरसाइज सबसे अच्छी है?

(Which exercise is best for uterus?)

उत्तर 4. कीगल एक्सरसाइज गर्भशय के लिए सबसे अछि एक्सरसाइज है, कीगल एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर की मसल्स मजबूत होती हैं| 

प्रशन 5. गर्भाशय का सामान्य आकार क्या है?

(What is normal uterus size?)

उत्तर 5. एक एडल्ट महिला में गर्भाशय का एवरेज डायमेंशन 8 सेमी लंबा, 5 सेमी चौड़ा और 4 मिमी मोटा होता है।

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Dr. Shweta Goswami
Dr. Shweta Goswami
Dr. Shweta Goswami, MBBS from MAMC, MD in Obstetrics and Gynecology, and Fellowship in IVF & Reproductive Medicine, is a renowned IVF specialist in Delhi with 15 years of experience. She specializes in various fields of reproductive medicine, including IVF, ICSI, donor egg surrogacy, and laparoscopy. Dr. Shweta approaches infertility treatment through technology innovation and a professional clinical approach. Book an Appointment View Details

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